कंक्रीट में दरारें क्यों आती हैं? कंक्रीट में दरारें कैसे रोकें?
कंक्रीट निर्माण कार्य का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, क्योंकि यह किसी भी इमारत की ताकत और स्थिरता का आधार है। लेकिन अक्सर हम देखते हैं कि कंक्रीट में दरारें आने लगती हैं, जिससे न केवल उसकी मजबूती पर असर पड़ता है बल्कि दीर्घकालिक नुकसान भी हो सकता है। यदि कंक्रीट में दरारें समय पर ठीक न की जाएं तो वे संरचना के लिए खतरा बन सकती हैं।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि कंक्रीट में दरारें क्यों आती हैं, उनके प्रकार, उनसे होने वाले नुकसान, रोकथाम के उपाय और मरम्मत के तरीके।

Table of Contents
कंक्रीट में दरारें आने के कारण
कंक्रीट में दरारें कई वजहों से आती हैं, जिनमें से मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1.1 शुष्क सिकुड़न (Drying Shrinkage)
कंक्रीट जब सूखता है तो उसमें पानी की मात्रा कम होने के कारण सिकुड़न होता है। यह सिकुड़न दरारों का मुख्य कारण है, खासकर तब जब कंक्रीट जल्दी सूखता है और सही तरीके से क्योरिंग नहीं होती।
1.2 थर्मल सिकुड़न (Thermal Shrinkage)
कंक्रीट जब ठंडा या गर्म होता है तो उसका विस्तार और संकुचन होता है। तापमान में अचानक बदलाव से कंक्रीट में तनाव उत्पन्न होता है, जिससे दरारें बनती हैं।
1.3 ओवरलोडिंग (Overloading)
अगर कंक्रीट स्ट्रक्चर पर उसके क्षमता से ज्यादा वजन या दबाव आ जाता है, तो वह दरारें पड़ सकती हैं। यह अक्सर गलत डिजाइन या निर्माण में होता है।
1.4 खराब मिक्स डिजाइन
कंक्रीट का सही अनुपात (सीमेंट, बालू, पानी, और ग्रेवल) न होने पर उसकी मजबूती कम होती है और वह जल्दी दरारें देने लगता है।
1.5 सही क्योरिंग न होना
क्योरिंग वह प्रक्रिया है जिसमें कंक्रीट को सूखने और मजबूती पाने के लिए पानी दिया जाता है। यदि क्योरिंग ठीक से न हो तो कंक्रीट में जल्दी दरारें आ सकती हैं।
1.6 फाउंडेशन या सबस्ट्रक्चर की असमान बैठना
जब जमीन समान रूप से नहीं बैठती या हिलती है तो कंक्रीट में तनाव बढ़ता है और दरारें आ जाती हैं।
1.7 गलत निर्माण प्रक्रिया
शटरिंग, मिक्सिंग, कंक्रीट डालने की विधि में गलती होने से भी दरारें आती हैं।
1.8 प्राकृतिक आपदाएं
भूकंप, भारी बारिश या बाढ़ जैसी आपदाएं भी कंक्रीट में दरारें पैदा कर सकती हैं।
कंक्रीट में दरारों के प्रकार
कंक्रीट में आने वाली दरारें कई प्रकार की होती हैं, जिन्हें समझना जरूरी है:
2.1 हेयरलाइन क्रैक (Hairline Crack)
ये बहुत छोटी और पतली दरारें होती हैं, जो अधिकतर सूखने या क्योरिंग की कमी से आती हैं।
2.2 शरिंकज क्रैक (Shrinkage Crack)
शुष्क सिकुड़न के कारण होती हैं, जो कंक्रीट के पूरी तरह सूखने पर आती हैं।
2.3 स्ट्रक्चरल क्रैक (Structural Crack)
ये गहरी और बड़ी दरारें होती हैं, जो ओवरलोडिंग या स्ट्रक्चर की कमजोरी के कारण आती हैं।
2.4 सेटलमेंट क्रैक (Settlement Crack)
जब जमीन या फाउंडेशन असमान रूप से बैठता है, तब ये दरारें आती हैं।
2.5 थर्मल क्रैक (Thermal Crack)
तापमान परिवर्तन के कारण कंक्रीट में तनाव आने से ये दरारें बनती हैं।
नीचे दिए गए वीडियो में विस्तार से समझाया गया है कि कंक्रीट में दरारें क्यों आती हैं:”
कंक्रीट में दरारें आने से होने वाले नुकसान
1.पानी के रिसाव के कारण कंक्रीट की मजबूती कम हो जाती है।
2.सरिया (रॉड) में जंग लगने लगती है, जिससे स्ट्रक्चर कमजोर होता है।
3.दीवारों, फर्श और छत में दरारें बढ़ सकती हैं, जिससे इमारत की सुरक्षा खतरे में आ जाती है।
4.घर का सौंदर्य कम होता है और मरम्मत की लागत बढ़ जाती है।
कंक्रीट में दरारें रोकने के उपाय
कंक्रीट में दरारें कैसे रोकें
4.1 सही मिक्स डिजाइन अपनाएं
सीमेंट, बालू, ग्रेवल और पानी के उचित अनुपात का चुनाव करें।उदाहरण: M20 या M25 ग्रेड कंक्रीट का सही उपयोग करें।
4.2 क्योरिंग का सही पालन करें
कंक्रीट डालने के बाद कम से कम 7 से 14 दिन तक नियमित पानी देना जरूरी है ताकि कंक्रीट सही तरह से सेट हो सके।
4.3 कंट्रोल जोइंट्स बनाएं
लंबे कंक्रीट स्लैब या दीवारों में कंट्रोल जोइंट्स बनाएं ताकि सिकुड़न के कारण दरारें कंट्रोल हो सकें।
4.4 फाउंडेशन मजबूत बनाएं
जमीन की जांच कर सही फाउंडेशन डिजाइन करें ताकि बैठाव समान हो।
4.5 ओवरलोडिंग से बचाव करें
स्ट्रक्चरल डिज़ाइन के अनुसार ही भार डालें, ज्यादा वजन न डालें।
4.6 गुणवत्ता वाले मटेरियल का उपयोग
ब्रांडेड और प्रमाणित सामग्री का इस्तेमाल करें।
4.7 निर्माण प्रक्रिया में सावधानी
सही तकनीक से कंक्रीट डालें, वाइब्रेशन करें, और फॉर्मवर्क मजबूत रखें।
कंक्रीट की दरारों की मरम्मत के तरीके
5.1 छोटी दरारों के लिए
एपीoxy या सीलेंट से दरार को भरें।
दरारों की सफाई करें और फिर मरम्मत सामग्री लगाएं।
5.2 बड़ी दरारों के लिए
पैचिंग का इस्तेमाल करें।
कभी-कभी स्ट्रक्चरल इंजीनियर की सलाह लेकर कंक्रीट रिपेयर करवाना चाहिए।
5.3 नियमित निरीक्षण और मेंटेनेंस
दरारें बढ़ने से पहले उनकी मरम्मत कराते रहें।
निष्कर्ष
कंक्रीट में दरारें आना एक सामान्य समस्या है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है। कंक्रीट के मिक्स डिजाइन, सही क्योरिंग, और फाउंडेशन की मजबूती पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। साथ ही समय-समय पर निरीक्षण और मरम्मत से आपकी संरचना लंबे समय तक मजबूत और सुरक्षित बनी रहेगी।
सलाह और सुझाव
निर्माण कार्य के दौरान अनुभवी इंजीनियर की सलाह जरूर लें।
गुणवत्ता वाली सामग्री का चयन करें।
क्योरिंग की प्रक्रिया को नजरअंदाज न करें।
अगर दरारें गहरी या बड़ी हों तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
अगर आपको इस विषय पर और अधिक जानकारी चाहिए या घर निर्माण से जुड़े अन्य सवाल हैं, तो आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं। मैं आपके लिए पूरी मदद के साथ सही मार्गदर्शन दूंगा।
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“मैं नरेंद्र कुमार साहू हूँ, एक B.Tech सिविल इंजीनियर और ‘Shubh Nirmaan Design Consultancy’ का संस्थापक हूँ। हमारी फर्म छत्तीसगढ़ (रायपुर) में स्थित है और हम खासकर रेजिडेंशियल घरों के लिए 2D प्लानिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, 3D एलिवेशन और बिल्डिंग परमिशन की सेवाएं प्रदान करते हैं।
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